Shabd Kise Kahate Hain: हेलो स्टूडेंट्स, आज हमने यहां पर शब्द की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण (Shabd in hindi) के बारे में विस्तार से बताया है। यह हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
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शब्द किसे कहते हैं? Shabd kise kahate hain
दो या दो से अधिक वर्णमाला के ऐसे वर्ण जो आपस में मिलकर एक नए स्वतंत्र सार्थक ध्वनि की उत्पत्ति करते हैं, ऐसे वर्णों के मेल को शब्द कहा जाता है। यदि हम आसान भाषा में समझने का प्रयत्न करें तो शब्दों में दो या दो से अधिक वर्णमाला वर्ण मिले होते हैं, वर्णमाला के मेल से बने शब्द का अर्थ भिन्न हो जाता है।
उदाहरण:- कार, देवता, बर्फ, घर, मनुष्य, जानवर इत्यादि।
शब्द के भेद – Shabd ke Prakar
शब्द की उत्पत्ति या स्रोत, रचना या बनावट, प्रयोग तथा अर्थ के आधार पर निम्न भागो में बांटा गया है।
अर्थ के आधार पर
अर्थ के आधार पर शब्द को निम्न भागों में बांटा गया है।
(1) एकार्थी शब्द
जहां शब्द का एक ही अर्थ ग्रहण किया जाता हैं, उन्हें एकार्थी शब्द कहते है।
जैसे :- सड़क, जूता, नदी,आदमी
(2) अनेकार्थी शब्द
जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ ग्रहण किए जाते हैं, उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते है ।
जैसे :- हार, कर, कनक, व्यंजन
(3) पर्यायवाची शब्द
वे शब्द जिनका अर्थ समान होता है। अर्थात एक ही शब्द के अनेक समानार्थी शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं।
(4) विलोम शब्द :-
वे शब्द जो एक दूसरे का विपरीत अर्थ देते हैं, उन्हे विलोम शब्द कहते हैं।
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बनावट / रचना/ व्युत्पत्ति के आधार पर
1. रूढ़ शब्द :-
जिन शब्दों के सार्थक खंड नहीं किए जा सकते, उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं। इन्हें मूल शब्द भी कहते हैं। जैसे – घर, नदी, किताब
2. यौगिक शब्द :-
जिन शब्दों के सार्थक खंड या टुकड़े किए जा सकते हैं, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं। इन शब्दों का निर्माण तीन प्रकार से किया जा सकता है । उपसर्ग द्वारा, प्रत्यय द्वारा, समास द्वारा
जैसे :- अपमान, रसोईघर, माता – पिता
3. योगरूढ शब्द :-
जिन शब्दों के सार्थक टुकड़े तो किए जा सकते हैं। अर्थात जो यौगिक तो होते है। परंतु अर्थ ग्रहण करने के लिए उन्हें एक करना पड़ता हैं। अर्थात रूढ़ करना पड़ता है, उन्हे योग रूढ़ शब्द कहते है।
जैसे – लंबोदर, जलज, दशानन
उत्पत्ति/ स्रोत/ इतिहास के आधार पर
(1) तत्सम शब्द
तत्सम शब्द ‘तत्+ सम’ के योग से बना हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ हैं ‘उसके समान’ । अर्थात जो शब्द संस्कृत भाषा से ज्यों के त्यों हिंदी भाषा में ग्रहण कर लिए गए, उन्हे तत्सम शब्द कहते है।
जैसे :- यूथ, घृत, रक्षा, रात्रि, चंद्रिका, अग्नि, दुग्ध
(2) तद्भव शब्द
तद्भव शब्द ‘तत्+ भव ‘ के योग से बना हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘उससे जन्म’ अर्थात जो शब्द संस्कृत भाषा से हजारों वर्षो की यात्रा के बाद हिंदी भाषा में परिवर्तित रूप में ग्रहण किए गए हैं। तद्भव शब्द कहते हैं।
जैसे :- जूथ, घी, राखी, रात, चांदनी, आग,दूध
3. देशज शब्द :-
देशज शब्द किसे कहते हैं :-
जिन शब्दों को हिंदी भाषा ने अपनी छेत्रीय भाषाओं से ग्रहण किया है, उन्हे देशज शब्द कहते हैं। इन शब्दों के लिखित स्रोत नहीं मिलते हैं।
जैसे :- पाग, रिंगडा, जूता, डाभ, छाती, खिचड़ी, बाजरा
4. विदेशी शब्द :-
जो शब्द हिंदी भाषा ने विदेशी भाषाओं से ग्रहण किए गए हैं, उन्हे विदेशी शब्द कहते हैं।
1. अरबी :- अल्लाह, इरादा, इशारा, ईमान, किताब, जिला, तहसील, नकद, हलवाई, अखबार, अदालत, आइना, इंतजार, इंसाफ, इम्तहान, इस्तीफा, औरत,कब्र, कसाई, कानून।
2. फारसी :- अमरूद, आमदनी, असमान, आदमी, कारीगर, कारोबार, खुशामद, गवाह, गुब्बारा,चिराग, चिलम, जंजीर, जमीन, जहर, जानवर, जलेबी, जुकाम, तराजू, दर्जी।
3. तुर्की :- उर्दू, काबू, कुली, कुरता, कैंची, चाकू, चेचक, चम्मच, तोप, बंदूक, बारूद, बेगम, बहादर, लाश, सौगात, सराय, भड़ास, खच्चर, चोंगा, बीबी, तमगा, तमचा।
4. पुर्तगाली :-
आलपिन, इस्पात, गमला, चाबी, तौलिया, नीलगाय, पपीता, पादरी, फीता, बाल्टी, मिस्त्री, संतरा, साबुन, काजू, गोभी, परात, बिस्कुट,बोतल, कप्तान, कमरा, कनस्तर, आलू।
5. अंग्रेजी :-
कोट, फीस, अपील, पुलिस, टैक्स, ऑफिस, डॉक्टर, स्कूल, पेन, इंच, रेल बटन इत्यादि।
रूप/ प्रयोग के आधार पर
(1) विकारी शब्द
जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, कारक, पुरुष, काल के द्वारा, परिवर्तन किया जा सकता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं।
विकारी शब्द के 4 भेद हैं :-
(1) संज्ञा
(2) सर्वनाम
(3) विशेषण
(4) क्रिया
अविकारी शब्द
जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, कारक, पुरुष व काल के हिसाब द्वारा कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं।
अविकारी शब्द के चार भेद हैं :-
(1) क्रिया विशेषण
(2) समुच्चय बोधक अव्यय
(3) विस्मयादि बोधक अव्यय
(4) संबंध बोधक अव्यय